Legality and Risk Factors of Abortion in Case of Accidental Pregnancy
इस लेख में, हम Legality and Risk Factors of Abortion पर चर्चा करेंगे। गर्भपात एक अत्यधिक Debated and Controversial विषय है, जिस पर दुनिया भर में चर्चा छिड़ जाती है। Abortion के द्वारा गर्भावस्था को समाप्त किया जाता है। Abortion शब्द का इस्तेमाल तब किया जाता है, जब महिला की मर्जी से गायनोलॉजिस्ट की देखरेख में गर्भावस्था को खत्म किया जाता है।
अगर यह प्रक्रिया स्वाभाविक रूप से स्वतः होती है तो इस घटना को मिसकैरेज कहा जाता है, जिसे मेडिकल फील्ड में स्पॉन्टेनियस अबॉर्शन (Spontaneous Abortion) भी कहते हैं। बदलते परिदृश्य में Accidental Pregnancy किसी को भी हो सकती है। और ऐसी स्थिति में, यदि किसी महिला का सपोर्ट ना किया जाए तो वह गलत कदम उठाने की ओर अग्रसर हो सकती है। इस अवस्था में कोई भी महिला समर्थन की पात्र है। उस पर कोई लांछन लगाना सामाजिक रुग्णता का प्रतीक है।
भारत में गर्भपात के कानूनी और चिकित्सा ढांचे को समझने के लिए, गर्भपात के बारे में कई महत्वपूर्ण सवालों के जवाब यहां दिए गए हैं:
1. क्या भारत में महिला द्वारा गर्भपात करवाना कानूनन वैध है?
हाँ, भारत में कई स्थितियों में गर्भपात वैध है। मेडिकल टर्मिनेशन ऑफ प्रेग्नेंसी (MTP) एक्ट के तहत महिलाओं को गर्भपात का अधिकार है, चाहें वो अविवाहित हों या विवाहित। भारतीय सामाजिक, नैतिक, और कानूनी परिप्रेक्ष्य में गर्भपात को वैध बनाने के लिए महिलाओं को कुछ नियमों का पालन करना आवश्यक है। (Legality and Risk Factors of Abortion)
मेडिकल टर्मिनेशन ऑफ प्रेग्नेंसी एक्ट, 1971 के तहत गर्भवती महिला को 20 हफ्ते तक गर्भपात कराने की अनुमति देता है। 2021 में हुए संशोधन के बाद ये सीमा कुछ विशेष परिस्थितियों में 24 हफ्ते कर दी गई। लेकिन, ऐसा डॉक्टर की सलाह के बिना नहीं किया जा सकता है।
पहले 24 हफ्ते से ज्यादा के गर्भ के लिए अबॉर्शन की अनुमति नहीं थी, मगर अब कानून में संशोधन के बाद ऐसा किया जा सकता है, इसके लिए मेडिकल बोर्ड की अनुशंसा आवश्यक है। इसके लिए तीन श्रेणियां बनाई गईं, निम्न श्रेणियों के तहत गर्भपात कराया जा सकता है।
A. गर्भावस्था के 0 से 20 हफ्ते तक:
इस श्रेणी में अगर कोई भी गर्भवती महिला गर्भपात करना चाहती है तो वह एक रजिस्टर्ड डॉक्टर की सलाह से ऐसा कर सकती है। भले वो महिला अविवाहित हो या विवाहित।
B. गर्भावस्था के 20 से 24 हफ्ते तक:
अगर गर्भवती महिला के जन्म लेने वाले बच्चे को गंभीर शारीरिक या मानसिक विकलांगता का डर हो, गर्भवती महिला के जीवन को खतरा हो, तब वह दो महिला डॉक्टरों की अनुशंसा पर गर्भपात करा सकेगी। इस श्रेणी में यह परिस्थितियां महत्वपूर्ण होंगी-
- अगर महिला या उसके पार्टनर द्वारा गर्भावस्था से बचने के लिए जो उपाय किया था, वह फेल हो जाए। और महिला गर्भवती हो जाए।
- अगर महिला से दुष्कर्म (Rape) की वजह से गर्भ ठहरा है।
- अगर 24 हफ्ते के बाद पता लगे की भ्रूण में विकृति है, तो मेडिकल बोर्ड की सलाह के बाद गर्भपात किया जा सकेगा।
C. गर्भावस्था के 24 हफ्ते बाद:
अगर गर्भवती महिला का जीवन बचाने के लिए ऐसा करना जरूरी हो तो मेडिकल बोर्ड की सलाह पर 24 हफ्ते के बाद भी गर्भपात कराया जा सकता है।
भारत में गर्भपात कराने के लिए आपका विवाहित होना ज़रूरी नहीं है। इसके अलावा, कानून के अनुसार, जो व्यक्ति अठारह वर्ष से अधिक उम्र का है और मानसिक रूप से स्वस्थ है, उसे गर्भपात कराने के लिए अपने माता-पिता, पति या पत्नी या अपने डॉक्टरों के अलावा किसी अन्य की अनुमति की आवश्यकता नहीं है। उन्हें यह भी आश्वासन दिया जा सकता है कि उनकी पहचान गोपनीय रखी जाएगी। (Legality and Risk Factors of Abortion)
2. क्या अविवाहित महिला गर्भपात करा सकती हैं?
गर्भपात कराने के लिए, भारत में महिला का विवाहित होना ज़रूरी नहीं है। लेकिन उसकी उम्र 18 वर्ष से अधिक होनी चाहिए। उसका मानसिक रूप से स्वस्थ होना आवश्यक है। इसके बाद उस महिला को गर्भपात कराने के लिए किसी अन्य की अनुमति लेने की आवश्यकता नहीं है। साथ ही उस महिला की पहचान गोपनीय रखी जाएगी।
3. क्या 18 वर्ष से कम उम्र की महिला गर्भपात करवा सकती है ?
भारत में सेक्स के लिए कानूनी उम्र 18 या उससे अधिक है, 18 वर्ष से कम उम्र के लोगों द्वारा किया गया सेक्स अपराध की श्रेणी में आता है, भले ही वह परस्पर सहमति से किया गया हो।
भारत में (POCSO) अधिनियम के तहत, यह अपराध की श्रेणी में आता है। बच्चों को यौन अपराधों से बचाने के लिए यह कानून लागू किया गया था। 18 वर्ष की उम्र से पहले बनाए गए शारीरिक संबंधों में महिला की रजामंदी कोई मायने नहीं रखती, यह अपराध की श्रेणी में आता है।
महिला चिकित्सक अठारह वर्ष से कम उम्र की महिला का गर्भपात कर सकती हैं, लेकिन पुलिस रिपोर्ट दर्ज कराए बिना गर्भपात नहीं किया जा सकता, भले ही शारीरिक संबंधों में रजामंदी हो।
बदलते परिवेश को देखते हुए इस कानून में बदलाव की आवश्यकता है, मगर जब तक कानून में बदलाव नहीं होता, तब तक 18 वर्ष की उम्र से पहले बनाए गए शारीरिक संबंध अपराध की श्रेणी में आते हैं।
4. गर्भपात करवाना कितना सुरक्षित है? गर्भपात करवाने से मेरे स्वास्थ्य पर क्या प्रभाव पड़ेगा, क्या यह भविष्य में, मेरी प्रजनन क्षमता को प्रभावित करेगा।
एक अनुभवी गायनोलॉजिस्ट के द्वारा early-stage में किया गया गर्भपात, बहुत, बहुत सुरक्षित होते हैं। यह एक बच्चे को जन्म देने की तुलना में अधिक सुरक्षित मेडिकल प्रोसेस है। आम तौर पर, early-stage में किया गया गर्भपात किसी महिला की दीर्घकालिक प्रजनन क्षमता को प्रभावित नहीं करता है। (Legality and Risk Factors of Abortion)
5. सुरक्षित गर्भपात के लिए कितने प्रकार की प्रक्रियाएँ शामिल होती हैं?
सुरक्षित गर्भपात एक Medical Procedure है जो Trained Healthcare Professionals द्वारा किया जाना चाहिए। गर्भपात देश के कानून के आधार पर अस्पताल या क्लिनिक में किया जाता है। गर्भपात के दो तरीके शामिल हैं, पहला Medical Abortion (Abortion Pill) दूसरा तरीका In-Clinic Abortion (Surgical Abortion)
सर्वप्रथम महिला को गायनोलॉजिस्ट से कंसल्ट करना चाहिए, डॉक्टर आपकी मेडिकल हिस्ट्री के आधार पर निश्चित करेगा कि क्या करना है, सर्वप्रथम डॉक्टर अल्ट्रासाउंड के माध्यम से गर्भावस्था की पुष्टि करता है। गर्भ कितने सप्ताह का है? इस आधार पर वह गर्भपात करने का डिसीजन लेगा।
A. Medical Abortion (Abortion Pill):
Early stages ऑफ़ प्रेगनेंसी (up to 70 days after the first day of your last menstrual period) में Abortion Pill के द्वारा गर्भ को टर्मिनेट किया जाता है। इसमें दो अलग-अलग दवाएं लेना शामिल है। पहली दवा, Mifepristone है जोकि Orally ली जाती है। लगभग 24 से 48 घंटों के बाद, महिला डॉक्टर की सलाह से दूसरी दवा, Misoprostol लेती है। इन दवाओं के Combination से गर्भाशय सिकुड़ जाता है, जिससे गर्भावस्था समाप्त हो जाती है। यह दवा मेडिकल स्टोर पर आसानी से उपलब्ध हो जाती है।
B. In-Clinic Abortion (Surgical Abortion):
जैसे-जैसे गर्भावस्था आगे बढ़ती है उस अवस्था में Medical Abortion उचित नहीं होता है, उस अवस्था में एक महिला, क्लिनिक में गर्भपात का विकल्प चुन सकती है। क्लिनिक में गर्भपात के लिए दो प्राथमिक तरीके हैं:
- मैनुअल वैक्यूम अस्पिरेशन (MVA)
- गर्भपात और फैलाव और इलाज (DNC)।
1. Manual Vacuum Aspiration (MVA)
मैनुअल वैक्यूम अस्पिरेशन (MVA) अस्पताल या एक क्लिनिक में प्रशिक्षित डॉक्टर द्वारा किया जाता है। MVA, 14 सप्ताह तक के गर्भ के लिए गर्भपात का एक बहुत ही सुरक्षित तरीका है। MVA के लिए गर्भावस्था की आयु सीमा डॉक्टर पर निर्भर करती है, जो यह प्रक्रिया करते हैं।
इस प्रक्रिया के दौरान डाक्टर गर्भाशय से गर्भ को हटाने के लिए एक सक्शन डिवाइस का उपयोग करता है। इस प्रक्रिया के दौरान महिला को लोकल एनेस्थीसिया दिया जाता है। MVA की प्रक्रिया के दौरान महिला जाग रही होती है, और MVA की प्रक्रिया मे 5 से 10 मिनट का समय लगता है। महिला को प्रक्रिया के दौरान मासिक धर्म के दर्द की तरह ऐंठन महसूस होगी। MVA के पश्चात महिला को कई दिनों तक कुछ रक्तस्राव हो सकता है।
2. Dilation and curettage (D&C)
(DNC) में गर्भावस्था को हटाने के लिए गर्भाशय ग्रीवा को चौड़ा करना और गर्भाशय की परत को खुरचना शामिल है। इस प्रक्रिया के दौरान लोकल एनेस्थीसिया का उपयोग किया जाता है। एनेस्थीसिया कितना देना है इसका निर्णय डॉक्टर महिला की स्वास्थ्य की स्थिति के आधार पर करता है।
बाद के चरण के गर्भपात के लिए, थोड़ी अधिक विस्तृत सर्जिकल प्रक्रियाओं की आवश्यकता होती है, लेकिन लगभग 90 प्रतिशत गर्भपात पहली तिमाही में होते हैं।
Legality and Risk Factors of Abortion
6. क्या गर्भपात की प्रक्रिया दौरान महिला को दर्द का सामना करना पड़ता है?
यह इस बात पर निर्भर करता है कि गर्भपात के लिए कौन सी प्रक्रिया चुनी गई है, और महिला गर्भावस्था के किस चरण में है। Abortion Pill के साथ Medical Abortion, जो गर्भावस्था के शुरुआती चरण में किया जा सकता है, थोड़ा दर्दनाक हो सकता है, जोकि मासिक धर्म के दौरान होने वाले दर्द की तरह महसूस होगा। लेकिन इसके लिए डॉक्टर दर्द की दवा भी देते हैं। सर्जिकल गर्भपात प्रक्रियाएं, आमतौर पर तब की जाती हैं जब गर्भावस्था बाद के चरण में हो, और वह एनेस्थीसिया के साथ की जाती है।
7. गर्भपात कितना आम है?
गर्भपात जितना आप सोचते हैं उससे कहीं अधिक आम है। अनुमान है कि दुनिया भर में हर साल कम से कम 56 मिलियन गर्भपात होते हैं, और भारत में हर साल कम से कम 15.6 मिलियन गर्भपात होते हैं। इसलिए यदि आप भी इससे गुजर रहे हैं, तो जान लें कि आप अकेले नहीं हैं।