Heart Attack and Atherosclerosis / दिल का दौरा और एथेरोस्क्लेरोसिस (धमनीकाठिन्य)
Heart Attack and Atherosclerosis – एथेरोस्क्लेरोसिस एक रोग है, जिसके कारण धमनियों के अंदर ‘प्लाक’ (Plaque) बनने लगता है।
यह धमनियां (Arteries) ऑक्सीजन युक्त Blood को हमारे हृदय से शरीर के अन्य हिस्सों में ले जाती हैं। प्लाक एक मोम जैसा जमा हुआ पदार्थ है, जिसका निर्माण रक्त में वसा, कोलेस्ट्रॉल, कैल्शियम और रक्त में पाए जाने वाले अन्य पदार्थों से होता है।
यह Plaque (जमा हुआ पदार्थ) धमनियों में जम कर, धमनियों को संकरा (Narrows) कर देता है, जिससे हृदय में ब्लड और ऑक्सीजन की सप्लाई कम हो जाती है। इसके कारण हार्ट अटैक आने की संभावना बढ़ जाती है।
जब हृदय और मस्तिष्क की धमनियां (arteries) एथेरोस्क्लेरोसिस से प्रभावित होती है, तो कई सामान्य लक्षण और बीमारियां विकसित होने लगते हैं।
हृदय के मामले में, सामान्य लक्षण एनजाइना (Angina एक प्रकार का दर्द है जो Chest में महसूस होता है, यह तब होता है जब हृदय में रक्त के प्रवाह में कमी आ जाती है) और Heat Palpitations (अचानक घबराहट महसूस होना या दिल का तेज तेज धड़कना) होते हैं। और बीमारियों में कोरोनरी हृदय रोग और दिल का दौरा (Coronary heart disease and Heart attack) शामिल है।
मस्तिष्क के मामले में, लक्षण चक्कर आना, स्मृति हानि (memory loss) हैं, और बीमारियों में स्ट्रोक और मनोभ्रंश यानि डिमेंशिया (Dementia) शामिल हैं।
एथेरोस्क्लेरोसिस को समझने के लिए, कोलेस्ट्रॉल (Cholesterol ) की एक संक्षिप्त चर्चा, यह समझने के लिए उपयोगी है कि आपके दिल की यह स्थिति कैसे हुई है और आप इसे कैसे प्रबंधित (Manage) कर सकते हैं।
कोलेस्ट्रॉल एक मोम जैसा पदार्थ होता है जो लिवर में बनता है. यह 2 प्रकार का होता है. अच्छा कोलेस्ट्रॉल यानी हाई डेंसिटी लिपोप्रोटीन (HDL-एचडीएल) अर्थात् उच्च घनत्व वाले लिपोप्रोटीन (HDL-एचडीएल), आपके लिए सकारात्मक रूप से अच्छा है और वास्तव में हृदय रोग से बचाता है। और लो डेंसिटी लिपोप्रोटीन यानी बुरा कोलेस्ट्रॉल (LDL-एलडीएल), LDL कोलेस्ट्रॉल शरीर के लिए खतरनाक होता है।
एथेरोस्क्लेरोसिस एक ऐसी बीमारी है जिसके परिणामस्वरूप धमनियां संकुचित (Narrows) हो जाती हैं। यह स्थिति शरीर के किसी भी क्षेत्र की धमनियों को प्रभावित कर सकती है और यह Heart Attack और खराब परिसंचरण (Poor circulation) का एक प्रमुख कारण है।
प्लेटलेट्स (Platelets- tiny blood cells responsible for clotting) संकुचित धमनियों की जगह रक्त के थक्के बना सकती हैं। एक बड़ा थक्का (large clot), पूरी तरह से धमनी (artery) को अवरुद्ध (block) कर सकता है। और यह स्थिति हार्ट अटैक का कारण बनती है।
उम्र के बढ़ने के साथ, एथेरोस्क्लेरोसिस होने की संभावना बढ़ जाती है। महिलाओं में सेक्स हार्मोन एस्ट्रोजन (oestrogen) एथेरोस्क्लेरोसिस के विकास से बचाने में मदद करता है। नतीजतन, पुरुषों की तुलना में रजोनिवृत्ति (Menopause) तक पहुंचने से पहले, महिलाओं में एथेरोस्क्लेरोसिस की घटना बहुत कम दिखाई देती है।
लेकिन 60 वर्ष की आयु तक, एथेरोस्क्लेरोसिस विकसित होने की संभावना, स्त्री और पुरुष दोनों में समान रूप से होती है।
What Are The Causes Of Heart Attack And Atherosclerosis ?
एथेरोस्क्लेरोसिस का कोई निश्चित कारण ज्ञात नहीं है। हालांकि, अध्ययन से पता चलता है, कि एथेरोस्क्लेरोसिस एक धीमा, जटिल रोग (Complex disease) है, जिसकी शुरूआत बचपन में ही हो जाती है। आपकी आयु बढ़ने के साथ ये तेज़ी से बढ़ता है। एथेरोस्क्लेरोसिस के होने की प्रबल संभावना, निम्न कारणों के कारण हो सकती है:
1.रक्तप्रवाह में कोलेस्ट्रॉल (Cholesterol in the bloodstream) का स्तर
2.आहार (dietary)
3.आनुवंशिक (Genetic factors)
Heart Attack And Atherosclerosis - जोखिम कारक क्या हैं?
एथेरोस्क्लेरोसिस होने के कई कारण हो सकते हैं क्योंकि एथेरोस्क्लेरोसिस हृदय रोग से पहले विकसित होता है। इस रोग के विकसित होने में आपकी कुछ आदतें, स्थिति और कुछ लक्षण, इस रोग के होने की संभावना को बढ़ा देती है। आप जितने अधिक Risk Factors से संबंधित है, उतनी ही आपमें एथेरोस्क्लेरोसिस होने की संभावना बढ़ जाती है। वह Risk Factors निम्न है:-
- Family history of Angina or Heart attackHigh blood pressure.
- Smoking
- Diabetes mellitus
- High blood cholesterol
- Not taking exercise or being overweight
- High blood pressure
एथेरोस्क्लेरोसिस (Atherosclerosis) के क्या लक्षण हैं?
एथेरोस्क्लेरोसिस के संकेत और लक्षण सामान्यत: तब तक दिखाई नहीं पड़ते है जब तक कि धमनियां गंभीर रूप से संकीर्ण (Severely Narrow) या Completely Blocked नहीं हो जाती है। एथेरोस्क्लेरोसिस से पीड़ित अधिकांश लोगों को, इस रोग के होने का पता तब चलता है जब उन्हें हृदयाघात (दिल का दौरा) या मस्तिष्क आघात (स्ट्रोक) का सामना करना पड़ता है।
समय से पहले इन लक्षणों को पहचान लिया जाए, तो हृदयाघात से बचा जा सकता है। संकेत और लक्षण इस बात पर निर्भर करते है कि कौन सी धमनियां प्रभावित हैं ?
अगर आपके सीने में दर्द या बेचैनी महसूस होती है, तो यह एंजाइना का दर्द हो सकता है, ऐसा तब होता है जब हृदय की मांसपेशियों को पर्याप्त ऑक्सीजन युक्त रक्त नहीं मिल पाता है।
एंजाइना के कारण सीने पर पर एक दबाव महसूस होता है लगता है सीने को निचोड़ा जा रहा है, गर्दन, कंधे, बाह, जबड़े या पीठ में भी यह दर्द महसूस किया जा सकता है। एनजाइना का दर्द गैस के दर्द (अपच) की तरह भी महसूस हो सकता है।
अगर प्लाक, मस्तिष्क को ऑक्सीजन युक्त रक्त ले जाने वाली धमनियों में है तो व्यक्ति में मस्तिष्क आघात (स्ट्रोक) के लक्षण हो सकते हैं। इन लक्षणों में निम्नलिखित शामिल हो सकते हैं:
- अचानक कमजोरी।
- पक्षाघात / लकवा (चलने-फिरने में असमर्थता) या चेहरे, बांह या पैर में सुन्नता,
- भ्रम।
- बोलने या समझने में परेशानी।
- अचानक आंखों से देखने में परेशानी।
- सांस लेने में तकलीफ़।
- शरीर के संतुलन में कठिनाई आना और अचानक गिर जाना।
- चक्कर आना।
- बेहोशी।
- अचानक और गंभीर सिरदर्द।
Heart Attack And Atherosclerosis - इसका निदान (Diagnosed) कैसे किया जाता है?
चूंकि शुरुआत में एथेरोस्क्लेरोसिस के कोई लक्षण दिखाई नहीं देते हैं, जब तक कि रक्त के प्रवाह में कोई रुकावट नहीं आ जाती, इसलिए इसके लिए स्क्रीन करना महत्वपूर्ण है, समय पर रक्त कोलेस्ट्रॉल के स्तर, रक्तचाप और मधुमेह मेलेटस की जांच करना अत्यंत आवश्यक है। यदि आप जोखिम में हैं, तो आपको अपने कोलेस्ट्रॉल का स्तर 20 वर्ष की आयु के बाद दो साल के अंतराल पर इसकी जांच करवाते रहना चाहिए।
एथेरोस्क्लेरोसिस को जांचने के लिए आजकल बहुत आधुनिक परिष्कृत इमेजिंग तकनीकें हैं इसके लिए एक्स-रे (एंजियोग्राफी) और अल्ट्रासाउंड (Doppler scanning) का उपयोग करके हृदय, मस्तिष्क और फेफड़ों की रक्त वाहिकाओं (blood vessels) में रक्त प्रवाह की जांच की जा सकती है।
इलेक्ट्रोकार्डियोग्राम ( ईसीजी) का उपयोग डॉक्टरों द्वारा किसी व्यक्ति की हृदय गति की जांच के लिए किया जाता है। एक इलेक्ट्रोकार्डियोग्राम (ईसीजी) हृदय की गतिविधि की निगरानी करेगा। इनमें से कुछ Test यह जांचने के लिए किए जा सकते हैं कि जब आप तनाव (Stress) में होते हैं उस समय आपका दिल कैसे काम करता है।
Heart Attack And Atherosclerosis - उपचार क्या है?
हृदय की स्थिति की जांच करने के बाद, डॉक्टर यह तय करेंगे कि आपके लिए किस प्रकार का उपचार उपयुक्त है। दिल की समस्या की विशिष्ट स्थिति और गंभीरता के आधार पर कई प्रकार के हृदय उपचार उपलब्ध हैं। यहाँ कुछ सबसे सामान्य प्रकार के हृदय उपचार हैं:
- अपनी Healthy Lifestyle में कुछ चीजों को अपनाएं, जैसे कम वसा वाले आहार खाएं, धूम्रपान ना करें, नियमित रूप से व्यायाम करें और अधिक वजन या मोटापे से बचें।
- अगर आप स्वस्थ हैं लेकिन आपका उच्च रक्त कोलेस्ट्रॉल का स्तर पाया गया है, तो आपका डॉक्टर कम वसा वाले आहार (Low-fat diet) की सलाह देगा।
- आपको उन दवाओं की पेशकश भी की जा सकती है जो आपके रक्त कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करती हैं। जिन लोगों को दिल का दौरा पड़ा है, उनके लिए शोध से पता चला है कि रक्त कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करने में लाभ होता है, भले ही कोलेस्ट्रॉल का स्तर स्वस्थ लोगों के लिए औसत सीमा के भीतर हो।
- आपका डॉक्टर क्षतिग्रस्त धमनी अस्तर (damaged artery lining) पर रक्त के थक्कों (blood clots) के जोखिम को कम करने के लिए कम-खुराक एस्पिरिन (low-dose aspirin) जैसी दवा को लिख सकता है।
- यदि आपको गंभीर जटिलताओं के उच्च जोखिम में माना जाता है, तो आपका डॉक्टर अन्य उपचार की सिफारिश कर सकता है, जैसे कि कोरोनरी एंजियोप्लास्टी (coronary angioplasty), जिसमें इसे चौड़ा करने और रक्त प्रवाह में सुधार करने के लिए धमनी के अंदर एक गुब्बारा फुलाया जाता (balloon is inflated inside the artery to widen ) है।
यदि हृदय में रक्त का प्रवाह गंभीर रूप से बाधित है, तो आपके पास रक्त प्रवाह को बहाल करने के लिए कोरोनरी बाईपास सर्जरी (coronary bypass surgery) हो सकती है।
What precautions are required to prevent heart disease :
हृदय को स्वस्थ रखने के लिए आइए जानते हैं कि क्या खाना चाहिए और किन चीजों से परहेज किया जाना चाहिए?
- Maintain a healthy diet: आप हृदय रोगों से पीड़ित हैं या इससे बचाव करना चाहते हैं, दोनों ही स्थितियों में आहार की गुणवत्ता और सही चयन की विशेष भूमिका होती है। कुछ चीजों का सेवन आपके रक्तचाप को नियंत्रित करने और हृदय को स्वस्थ बनाए रखने में सहायक हो सकता है।
- फल और सब्जियां: ताजे फल और सब्जियां खाने की आदत बनाएं। दिन में कम से कम दो फलों को आहार का हिस्सा जरूर बनाएं।
- आहार में उन चीजों को शामिल करें जिसमें कैलोरी, सोडियम और वसा की मात्रा कम हो। ये हृदय की सेहत को नुकसान पहुंचा सकती हैं।
- फाइबर, प्रोटीन वाली चीजों को आहार का हिस्सा बनाएं।डिब्बाबंद चीजों के सेवन से बचें।
- नट्स को दैनिक आहार में जरूर शामिल करें, विशेषकर मूंगफली,ड्राई फ्रूट जैसे काजू, अखरोट जैसे नट्स को हृदय के लिए फायदेमंद माना जाता है।
- अधिक सोडियम और उच्च वसा वाले खाद्य पदार्थों से बचें। ये हृदय के लिए बहुत हानिकारक हो सकते हैं।
- जंक फूड, कुकीज, आलू के चिप्स और आइसक्रीम का सेवन बहुत कम करें।
- Exercise regularly: नियमित व्यायाम करें, यह आपके हृदय को स्वस्थ रखेगा।
- Don’t smoke – धूम्रपान की आदत, हृदय के लिए समस्याओं का कारण बन सकती है, इससे परहेज करें।
- Maintain a healthy weight: अधिक वजन या मोटापे से ग्रस्त होने से हृदय रोग का खतरा बढ़ सकता है।
- Manage stress: मानसिक तनाव आपके हृदय रोग के जोखिम को बढ़ा सकता है। इससे बचने के लिए आप मेडिटेशन और योगा कर सकते हैं, इसे अपनी दिनचर्या का हिस्सा बना है नींद की कमी हृदय रोग में योगदान कर सकती है। प्रति रात 7-8 घंटे की नींद का लक्ष्य रखें।
- Control your blood pressure and cholesterol levels: High Blood Pressure और High Cholesterol Level आपके हृदय रोग के जोखिम को बढ़ा सकता है। यदि आपके पास उच्च रक्तचाप या उच्च कोलेस्ट्रॉल है, तो इन स्थितियों को नियंत्रित करने के लिए अपने डॉक्टर से संपर्क करें।
- Limit alcohol consumption: शराब की खपत को सीमित करें, बहुत अधिक शराब पीने से हृदय रोग का खतरा बढ़ सकता है।
- Get enough sleep: पर्याप्त नींद लें, एक स्वस्थ व्यक्ति को कम से कम 7 से 8 घंटे की नींद अत्यंत आवश्यक है।
यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है आहार की गुणवत्ता और उसका सही चयन और आपकी हेल्दी लाइफस्टाइल, दिल का दौरा पड़ने के आपके जोखिम को काफी कम कर सकती है।