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Back Pain: Causes And Treatment

BACK PAIN: CAUSES AND TREATMENT

आजकल युवाओं में Back Pain, कमर दर्द की शिकायत रहना आम बात हो गई है, बदलती जीवनशैली में आज अनेक लोग कमर दर्द और पीठ दर्द की समस्या से परेशान है!

यह दर्द, कमर (Waist) के ठीक ऊपर या कंधे की हड्डी (Shoulder blades) के बीच होता है, सुबह सोकर उठते समय पीठ में अकड़न महसूस होती है। यह दर्द हल्का या गंभीर (Mild or Severe), लगातार या रुक-रुक कर हो सकता है। जिसके कारण काम में मन नहीं लगता। इसे रीढ़ की हड्डी के साथ कहीं भी महसूस किया जा सकता है, हालांकि यह दर्द पीठ के निचले हिस्से में होना सबसे आम बात है।

यह Back Pain तीव्र (Acute) या पुराना (Chronic) हो सकता है। और यह एक दिन से लेकर कई दिनों तक बना रह सकता है। पीठ की चोट के कारण भी यह दर्द हो सकता है। Chronic पीठ दर्द तीन महीने या उससे अधिक समय तक बना रहता है और इसकी पुनरावृत्ति होती रहती है, और समय के साथ यह दर्द बढ़ता जाता है।

  • कभी-कभी खेलते वक्त या किसी शारीरिक श्रम, जैसे भारी वजन उठाने से मांसपेशियों में खिंचाव पैदा होता है, जिसके कारण मांसपेशियों ऐंठन पैदा हो जाती है जिसके कारण  रीढ़ की हड्डी (Spine) के आसपास नसों पर प्रेशर पड़ता है, जिसके कारण Back Pain की शिकायत होने लगती है। 
  • Back Pain का अन्य कारण हर्नियेटेड डिस्क (herniated disk)  भी है, जिसे स्लिप डिस्क (slipped disk) या  टूटी हुई डिस्क (Ruptured disk) के रूप में भी जाना जाता है। Spinal Disks हमारी रीढ़ की हड्डी या मेरुदंड में (वेर्टेब्रा-Vertebrae) कशेरुकाओं के मध्य स्थित होती है, जो प्रत्येक कशेरुकाओं के बीच कुशनिंग प्रदान करती है, जिसके कारण रीढ़ की हड्डी  में लचीलापन होता है। 

स्लिप डिस्क के कारणों में चोट लगना, खेलते वक्त या किसी शारीरिक श्रम, जैसे भारी वजन उठाने, झुकने से मांसपेशियों में खिंचाव पैदा होता है और प्रेशर पड़ने से एक Spinal Disks की Inner Material  लीक हो जाती है। (अर्थात, यह हर्नियेटेड हो जाती है) और बाहरी नसों पर दबाव डालती है।  जैसा कि पिक्चर्स में दिखाया गया है

Back Pain
Back Pain Causes And Treatment

गठिया एक आम रोग है जो Back Pain का कारण भी बन सकता है। अगर आपको अपने शरीर में दर्द और अकड़न महसूस होती है या चलने-फिरने में परेशानी होती है, तो आपको गठिया हो सकता है। गठिया आपके जोड़ों में दर्द और सूजन (Pain and Swelling) का कारण बनते हैं।

Joints वे स्थान हैं जहाँ दो हड्डियाँ मिलती हैं, जैसे आपकी कोहनी या घुटना (Elbow or Knee) । समय के साथ, सूजन वाला जोड़ गंभीर रूप से क्षतिग्रस्त (Severely damaged) हो सकता है।  गठिया का एक प्रकार है – ऑस्टियोआर्थराइटिस (Osteoarthritis), यह गठिया भी Back Pain का कारण बन सकता है।

ऑस्टियोआर्थराइटिस (Osteoarthritis), जिसे कभी-कभी OA कहा जाता है, गठिया का एक प्रकार है जो केवल जोड़ों को प्रभावित करता है, आमतौर पर हाथों, घुटनों, कूल्हों, गर्दन (Hands, Knees, Hips, Neck) और पीठ के निचले हिस्से में।

ऑस्टियोआर्थराइटिस दर्द कर सकता है। यह रीढ़ (Spine) के साथ-साथ उन जोड़ों में भी होते हैं जो कशेरुक (Vertebrae) को जोड़ते हैं। एंकिलोसिंग स्पॉन्डिलाइटिस (Ankylosing spondylitis), रुमेटीइड गठिया (Rheumatoid arthritis) का एक रूप है , सूजन और कठोरता (Stiffness) का कारण बनता है जो पीठ के निचले हिस्से में शुरू होता है और रीढ़ के साथ आगे बढ़ता है।

Back Pain Causes And Treatment

एक स्वस्थ जोड़ (Healthy Joint) में, हड्डियों के सिरे एक चिकने (Smooth), फिसलन (Slippery) वाले ऊतक (Tissue) से ढके होते हैं जिन्हें कार्टिलेज (Cartilage) कहा जाता है। कार्टिलेज हड्डियों को पैड करता है और जब Joints को हिलाते हैं तो उन्हें आसानी से सरकने (Gliding) में मदद करता है।

ऑस्टियोआर्थराइटिस गठिया में, उपास्थि (Cartilage) टूट जाती है और खुरदरी (Rough) हो जाती है। कभी-कभी, सभी कार्टिलेज खराब हो जाते हैं और हड्डियाँ आपस में घिस जाती हैं। जो कि Back Pain का कारण बन जाती है।

मोटापा Back Pain  का अन्य कारक हैं जो पीठ दर्द के जोखिम को बढ़ा सकता हैं। मोटापा रीढ़ पर अनुचित दबाव डालता है, जिससे दर्द और गठिया हो सकता है। Exercise की कमी से पेट की मांसपेशियां (Abdominal muscles) कमजोर हो जाती हैं, जिससे रीढ़ की हड्डी पर भी Pressure पड़ता है।

Back Pain Causes And Treatment

खराब पॉश्‍चर (Bad Posture) में बैठने और सोने की वजह से भी पीठ और कंधे में दर्द की समस्‍या बढ़ जाती है। सक्रीय लाइफ स्‍टाइल का अभाव और ऑफिस में कुर्सी पर घंटों बैठकर काम करने की वजह से युवाओं में यह समस्‍या इन दिनों तेजी से बढ़ी है।

Bad Posture से कशेरुकाओं (Vertebrae) का गलत संरेखण (Misalignment) हो सकता है, जिसके कारण मांसपेशियों में खिंचाव (Muscle strain) हो सकता है या नसों (Nerves) पर दबाव  पड़ने से बैक पेन की शिकायत रहने लगती है।

Emotional stress भी Back Pain का कारण बन सकता है, और Recovery होने में काफी वक्त लग सकता है।

Back pain के और भी कई कारण हो सकते हैं, जिसमें :

फाइब्रोमायल्गिया (Fibromyalgia) – के अंदर पूरे शरीर में, हड्डियों के साथ मांसपेशियों में दर्द रहना, सुबह के वक्त जोड़ों में अकड़न, नींद में कमी, मूड स्विंग और याददाश्त कम होने की समस्या है),

ऑस्टियोपोरोसिस (Osteoporosis) – के अंदर हड्डियों के द्रव्यमान (बोन मास) में आई कमी जब हड्डियों के सामान्य ढांचे से हस्तक्षेप करने लगती है तो इस स्थिति को ऑस्टियोपोरोसिस के रूप में पहचानते हैं। ऐसे में हड्डियां नाज़ुक और कमजोर हो जाती हैं, और थोड़े से भी खिंचाव या भार से फ्रैक्चर होने की संभावना बनी रहती है ),

कमर में हर्निया (Hernia in the groin), वृषण मरोड़ (Testicular Torsion), डिम्बग्रंथि के सिस्ट (Ovarian Cysts), गर्भावस्था (Pregnancy), संक्रमण (Infections), प्राथमिक रीढ़ की हड्डी के ट्यूमर (Primary Spinal Tumours) और कुछ प्रकार के कैंसर शामिल हैं।

BACK PAIN: Prevention

रीढ़ (Spine) पर असामान्य तनाव (Unusual Stress) से बचें और चोट लगने के जोखिम को कम करें। Regular Exercise से पीठ और पेट की मांसपेशियों को मजबूत करके Spine पर Stress को कम किया जा सकता है। Beneficial exercises जो पीठ को मजबूत करती हैं जिसमें Walking, Cycling, Swimming, Weight- lifting and Stretching शामिल हैं। इसके साथ ही योगासन और व्यायाम को अपने डेली रूटीन का हिस्सा बनाए, योगासन पीठ दर्द के लिए रामबाण औषधि (Panacea) है।

अच्छी मुद्रा (Posture) बनाए रखना, या यदि आवश्यक हो तो पोस्चर में सुधार करना, पीठ के तनाव को कम कर सकता है। शरीर का वजन कम करने से रीढ़ पर किसी भी तरह के तनाव को कम किया जा सकता है, इससे पीठ दर्द को रोकने में भी मदद मिल सकती है।

अगर निम्न सावधानियां भी रखी जाएं तो पीठ दर्द में सहायता मिलती है।

  • लंबे समय तक खड़े रहने या बैठने से बचें।
  • लंबे समय तक गाड़ी चलाते समय, चलने के लिए हर घंटे या इसके बाद रुकें।
  • ऊँची एड़ी के जूते (High-heeled shoes) न पहनें – वे पीठ पर दबाव डाल सकते हैं और गिरने का खतरा बढ़ा सकते हैं।
  • उन वस्तुओं को न उठाएं जो आपके लिए बहुत भारी हों।
  • Yoga , Meditation , Exercise and Relaxation जैसी सिद्ध तकनीकों (proven techniques) से Emotional Stress कम करें।

BACK PAIN: Diagnosis

एक डॉक्टर पीठ दर्द का निदान कर सकता है, अक्सर, एक Physical Examination करके और मेडिकल हिस्ट्री को जानकर, इसके अंतर्निहित कारण का पता लगाकर पीठ दर्द का इलाज किया जा सकता है। हर्नियेटेड डिस्क (Herniated Disk) के निदान के लिए एक्स-रे या अन्य इमेजिंग परीक्षणों (Imaging tests) की आवश्यकता हो सकती है।

BACK PAIN: Treatments

अधिकांश पीठ दर्द छह सप्ताह के भीतर दूर हो जाता है। इस बीच, Self-care  और Therapies के द्वारा पीठ दर्द को दूर कर सकते हैं और Mobility में सुधार कर सकते हैं। ज्यादातर पीठ दर्द के लिए सर्जरी मददगार नहीं होती है। पीठ की कई तरह की सर्जरी होती है, लेकिन वे उन लोगों के लिए होती है जिन्हें अन्य उपचारों से मदद नहीं मिलती है।

BACK PAIN: Medication

Nonsteroidal anti- inflammatory (नॉनस्टेरॉइडल एंटी-इंफ्लेमेटरी) दवा Temporarily दर्द से Relieve दे सकती है और पीठ में नसों की सूजन को कम कर सकती है।

पीठ के निचले हिस्से में गंभीर दर्द के लिए, डॉक्टर मांसपेशियों को आराम देने वाली दवाएं लिख सकते हैं या, यदि रीढ़ की नसों में सूजन है, तो वे सूजन को कम करने के लिए दर्दनाशक दवाओं या स्टेरॉयड को सीधे रीढ़ की हड्डी में इंजेक्ट कर सकते हैं।

Exercise

नियमित व्यायाम, योगासन से पीठ के निचले हिस्से में पुराने दर्द से राहत मिलती है। चोट लगने के दो से तीन सप्ताह बाद धीरे-धीरे व्यायाम करना शुरू करें।

Self-Care

रीढ़ के साथ जोड़ों के दर्द और सूजन को कम करने के लिए चोट लगने के बाद पहले कुछ दिनों के लिए शारीरिक गतिविधि कम करें। कुछ भी न उठाएं और ऐसे  कामों से बचें जिनमें पीठ को मोड़ना शामिल हो।

सूजन को कम करने के लिए पहले तीन दिनों के लिए प्रभावित क्षेत्र पर बर्फ लगाएं, और उसके बाद Mobility में सुधार के लिए प्रभावित  क्षेत्र  पर गर्म कपड़े से सिकाई करें। बिस्तर पर आराम, विशेष रूप से दो दिनों से अधिक,ना करें।

Back Pain Causes And Treatment

Spinal Manipulation And Physical Therapy

हाथों की तकनीक से तीव्र पीठ दर्द को दूर किया जा सकता है, जिसमें कायरोप्रैक्टिक और ऑस्टियोपैथी शामिल हैं।

काइरोप्रैक्टिक उपचार (chiropractic treatment) एक प्रकार की शारीरिक थेरेपी है। जिसका इस्तेमाल अक्सर मांसपेशियों (muscle) और जोड़ों के दर्द (joint pain) जैसे पीठ दर्द (back pain) और खेल में लगी चोट (sports injury) के इलाज के लिए किया जाता है।

ऑस्टियोपैथी (osteopathy) रोगी को बिना दवा खिलाए चिकित्सा किए जाने की एक विश्वसनीय सिद्धस्त और पीढ़ियों पुरानी विधि है। जीवनभर पीड़ा से ग्रस्त रहने के बाद इस तकनीक से कॉफी लोग अल्प समय में इस विधि से रोग मुक्त हुए हैं, वे मानते हैं कि यह एक चमत्कारिक विधि है।

Spinal Manipulation And Physical Therapy

हाथों की तकनीक से तीव्र पीठ दर्द को दूर किया जा सकता है, जिसमें कायरोप्रैक्टिक और ऑस्टियोपैथी शामिल हैं।

काइरोप्रैक्टिक उपचार (chiropractic treatment) एक प्रकार की शारीरिक थेरेपी है। जिसका इस्तेमाल अक्सर मांसपेशियों (muscle) और जोड़ों के दर्द (joint pain) जैसे पीठ दर्द (back pain) और खेल में लगी चोट (sports injury) के इलाज के लिए किया जाता है।

ऑस्टियोपैथी (Osteopathy) रोगी को बिना दवा खिलाए चिकित्सा किए जाने की एक विश्वसनीय सिद्धस्त और पीढ़ियों पुरानी विधि है। जीवनभर पीड़ा से ग्रस्त रहने के बाद इस तकनीक से कॉफी लोग अल्प समय में इस विधि से रोग मुक्त हुए हैं, वे मानते हैं कि यह एक चमत्कारिक विधि है।

Acupuncture

यह चिकित्सा पीठ दर्द से अल्पकालिक राहत प्रदान कर सकती है।

massage for Back

Herbal Remedies

Devil’s claw plant (Harpagophytum procum- bens) डेविल्स पंजे के पौधे (हार्पागोफाइटम प्रोकुम-बेंस) इसे हिंदी में बाघनख baghnakh, हाथाजोड़ी hatha-jori, उलट-कांटा भी कहते हैं, की सूखे जड़ों से एक अर्क से बनाया गया एक हर्बल उपाय, एक एनाल्जेसिक (analgesic)  और एंटी-inflammatory एजेंट है जो व्यापक रूप से पीठ और जोड़ों के दर्द के लिए उपयोग किया जाता है।

आयुर्वेद में पीठ दर्द के उपचार के लिए महत्वपूर्ण जड़ी बूटी है।

massage for Back

Neuro-Reflexotherapy

न्यूरो-रिफ्लेक्सोथेरेपी पुरानी पीठ के निचले हिस्से में दर्द के लिए प्रभावी है और इसका कोई प्रतिकूल प्रभाव नहीं है। रिफ्लेक्सोलॉजी एक प्रकार की मसाज होती है, जिसमें दर्द का इलाज हाथों, पैरों और कानों के पास प्रेशर देकर किया जाता है।

रिफ्लेक्सोलॉजी एक ऐसी थ्योरी पर काम करती है जो शरीर के अंगों और तंत्रों से जुड़ी होती है। शरीर के कुछ अंगों पर दबाव देने से शरीर को कई तरह के फायदे होते हैं। थेरिपी में शरीर के विभिन्न अंगों पर प्रेशर देकर स्ट्रेस को दूर किया जाता है।

Disclaimer:

इस Site पर दी गई जानकारी का उद्देश्य Reader को कुछ चिकित्सीय स्थितियों (certain medical conditions) और कुछ संभावित उपचार (possible treatment) के बारे में शिक्षित (educate) करना है।

यह एक लाइसेंस (licensed)  प्राप्त और योग्य (qualified)  स्वास्थ्य देखभाल पेशेवर (health care professional) द्वारा प्रदान की जाने वाली परीक्षा (examination), निदान (diagnosis )और चिकित्सा देखभाल (medical care) ) का विकल्प (substitute) नहीं है। उचित (proper) चिकित्सकीय देखरेख (medical supervision) के बिना अपना या किसी और का इलाज करने का प्रयास न करें।

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